बहोत बसी है.. तनहाइयाँ इस दिल में.. अब बस तेरा मकाम बाकि है..!
जीवन में उठीं आँधी है.. और अब आँखो मे बारिश बाकि है..!
गिरते हुए पत्तों में अभी भी.. उठने की सनसनाहट बाकि है..!
कैसे कहूं तुझ से ..इस बदन को तेरा सहेलाना बाकि है..
तुझ मे समाने के लिये .. अब जिंदगी के कुछ ही पल बाकि है.. !!
मौत आए तेरे मिलन के बाद.. तो भी एक और जिंदगी बाकि है..!
तेरे आगोश मे छुपे चेहरे को चुमती हुई.. तेरी शरारत बाकि है.. !
होंठो पर रुकी हुई .. तेरे लबों की दास्ताँन बाकि है..!
झुकती हुई मेरी आँखों में.. मचलती हया बाकि है...!1
मिटती है जो नजदिकीयाँ..उन में फ़ासला बाकि है...!
हर अंदाज से सजी हूई...तेरी मुलाकात बाकि है...!
सुबाह न हो जिसकी ..वो रात बाकि है...!
सब कुछ मिल गया तुमसे.. फ़िर भी दिल कहेता है कुछ बाकि है.. !
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