Friday, 11 September 2015

आज पंछी बनने

आज पंछी बनने दिल चला ।
जोर से आती हवा पर सवार होने दिल चला।
आज तो पंछी बनने दिल चला।
सिरसिरहट पत्तों की और 
डाहनि पर एक घर बना।
आज तो पंछी बनने दिल चला।
चुपचाप हुई जिंदगी में
मधुर,मनोहर गाने को दिल चला।
आज पंछी बनने दिल चला।
आसमान में खिले हर रंग को
छूने आज दिल चला।
आज पंछी बनने दिल चला।

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